Hadees in Hindi | हुज़ूर ﷺ हमारी तरह नहीं | PART:1

Hadees in Hindi | हुज़ूर ﷺ हमारी तरह नहीं | Part 1

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5 Hadees in Hindi

ऐ महबूब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमने तुमको नहीं भेजा मगर ऐसी रिसालत से जो तमाम आदमियों को घेरने वाली है, खुसखबरी देते और डर सुनाते. लेकिन बहुत लोग नहीं जानते ।  (सूरह सबा,आयत 28)

हुज़ूर सैय्यदुल मुरसलीन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तमाम मखलूक के रसूल हैं और यह मर्तबा खास आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का है. जो की कुराने करीम की आयतों और कसीर अहदीस से साबित है,

 

HADEES IN HINDI HUZOOR SALLALLAHU ALAIHI WASALLAM

Hadees No. 1

हज़रत अनस रदियल्लाहु तआला अन्हू का बयान है कि एक दिन अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ऐसा असर अंग्रेज खुत्बा पढ़ा कि मैंने कभी ऐसा खुत्बा नहीं सुना था दरमियाने खुत्बा में अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यह इरशाद फरमाया कि ऐ लोगों जो मैं जानता हूं अगर तुम जान लेते तो हंसते कम और रोते ज्यादा ज़बाने मुबारक से इस जुमले का निकलना था किस सामाइन का यह हाल हो गया कि लोग कपड़ों में मुंह छुपा-छुपा कर ज़ारों कतर रोने लगे, (बुखारी शरीफ जिल्द 2,पेज 665)

Hadees No.2

हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर रदियल्लाहु तआला अन्हू से रिवायत करते हैं की अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने लगातार(regular) रोज़े रखने से मना फ़रमाया लोगों ने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम आप तो ऐसा ही करते हैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मैं तुम्हारी मानिन्द नहीं मैं खिलाया पिलाया जाता हूं | (  बुखारी शरीफ,हदीस 1830)

Hadees No.3

हज़रत अबू हुरैरा रदियल्लाहु तआला अन्हू और हज़रत आयशा रदियल्लाहु तआला अन्हा रिवाज करते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मुसलसल रोज़ा रखने से मना फ़रमाया कुछ मुसलमानो ने अर्ज किया कि रसुलल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम तो मुसलसल रोज़े रखते हैं तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया मैं तुम्हारी तरह नहीं मेरा रब मुझे खिलाता और पिलाता है | (बुखारी शरीफ,हदीस न०1832)

Hadees No.4

हज़रत अली रदियल्लाहु तआला अन्हू फरमाते हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम न तवीलुल इकामत (लंबे) न पस्त कद (छोटे) बल्कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दरमियानी कद थे, बा वक्ते रफ़्तार ऐसा मालूम होता था कि गोया अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम किसी बुलंदी से नीचे उतर रहे हैं और मैंने रसूलल्लाह सल्लल्लाहू सल्लम का मिस्ल देखा ही नहीं | (शुमाइले तिरमीजी, पेज 1)

Hadees No.5

रिवायतों में आया है की अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुक़द्दस आँखों का ये ऐजाज़ है की हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ब यक वक़्त आगे, पीछे, दाएं, बाएं, ऊपर, नीचे, दिन, रात, अंधेरे, उजाले, में यकसा देखा करते थे | (खसाइसुल कुबरा,जिल्द1,पेज 1)

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